लास्ट वीक मुदित को बोहत तेज बुखार हो गया था,उसी को सोच के ये विचार अपने आप मन में आये और कविता बन गई , आप सभी से शेयर कर रही हु, वैसे अब उसकी तबियत ठीक है
तेरी तकलीफ देखकर ,
बह आये आखो से आंसू मेरे ,
तेरी तकलीफ देखकर
सीने से लगा के तुम को ,
इश्वर का ही नाम लिया,
और देखकर , इक माँ की तकलीफ ,
इश्वर ने अपना काम किया .
पूछती थी इश्वर से ,
क्यूँ परेशान किया है मेरे मुदित को ,
अभी तो है इतना छोटा ,
के बयान भी ना कर पता है अपनी तकलीफ अपनी माँ को .
शुक्र है इश्वर का की ,
अब बिलकुल ठीक है मेरा लाडला ,
दिखाता है अपने करतब अब ,
फिर से रिझाता है सबको मेरा लाडला
बहुत सार्थक प्रस्तुति, आभार.
ReplyDeletethanks shukla ji
ReplyDeletethanks rashmi ji
ReplyDeleteभावपूर्ण कविता, हाँ... माँ मन बहुत डर जाता है बच्चे की तकलीफ देखकर ...... मुदित को स्नेहाशीष
ReplyDeletethanks monika ji
ReplyDeleteगीता जी,...
ReplyDeleteबच्चे की तकलीफ देखकर हर माँ दुखी हो जाती है,/..
भाव पूर्ण सुंदर पोस्ट,..
मेरी पोस्ट-'माँ की यादें' और 'वजूद'पर स्वागत है
बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeletesandeep nd dheerendra ji thanks aapke comments ke liye
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कविता लिखी है...... गीता जी..... अच्छी है...... उम्मीद है अब मुदित स्वस्थ है.....
ReplyDeletethanks manoj, ha ab Mudit teek hai
ReplyDeleteभगवान के आशीष से वह जीवन की सारी खुशियां पाए!
ReplyDeletethanks manoj ji
ReplyDeleteअपने जिगर के टुकड़े की तकलीफ बर्दाश्त करना...
ReplyDeleteसचमुच बहुत दुष्कर काम है....
मुदित को शुभाशीष... और आपको सार्थक लेखन के लिये सादर शुभकामनाएं....
ठीक है कि अब सब ठीक है।
ReplyDeleteऔर मौसम भी सर्दी का आने लगा है, जरा बचके रहना।
गीता जी,...
ReplyDeleteमेरे पोस्ट 'शब्द'में आपका इंतजार है,...
मां,बच्चा और भगवान समानार्थी शब्द ही हैं।
ReplyDeleteबच्चे जब बीमार होते हैं तो माँ-बाप स्वाभाविक है परेसान होंगे ही...वैसे चलिए अच्छी खबर सुनने को मिली...की अब मुदित की तबियत ठीक है...:)
ReplyDeletebahut acchi poem hai
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना ...
ReplyDeleteमेरे पोस्ट में आने के लिए आभार
आपका समर्थक बन गया हूँ,....
...फुहार....: कितने हसीन है आप.....
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDelete( अरुन शर्मा = arunsblog.in )
जियो हजारों साल
ReplyDeleteसाल के दिन हों पचास हजार
सुन्दर रचना। बधाई
ReplyDeleteसुन्दर रचना। बधाई
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