खुशियों से भरा है ये संसार
जरा आके देखो तो इक बार .
आई होली , आई दिवाली ,
झूम के गया सावन फिर इक बार ,
बच्चे नाच रहे है
अपने दिल में भर भर उल्लास .
भांति भांति के रंग है ,भांति भांति के रूप
कोई बुलाये उसे कान्हा , तो कोई कहे वो है रामस्वरुप .
उल्लासित हो उठता है मन ,
देख के त्योहारों का दर्पण .
अब तो आ जाओ , छोड़ के अपना कारोबार ,
देखो राम जी ने भी कर लिया खतम अपना वनवास ,
खुशियों से भरा है संसार,
जरा आके देखो तो इक बार.