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Wednesday 16 November 2011

विचलित मन


लास्ट वीक मुदित को बोहत तेज बुखार हो गया था,उसी को सोच के ये विचार अपने आप मन में आये और कविता बन गई , आप सभी से शेयर कर रही हु, वैसे अब उसकी तबियत ठीक है 



सो ना पाई सारी रात मै,
तेरी तकलीफ देखकर ,
बह आये आखो से आंसू मेरे ,
तेरी तकलीफ देखकर 

सीने से लगा के तुम को ,
इश्वर का ही नाम लिया,
और देखकर , इक माँ की तकलीफ ,
इश्वर ने अपना काम किया .

पूछती थी इश्वर से ,
क्यूँ परेशान किया है मेरे मुदित को ,
अभी तो है इतना छोटा ,
के बयान भी ना कर पता है अपनी तकलीफ अपनी माँ को .

शुक्र है इश्वर का की ,
अब बिलकुल ठीक है मेरा लाडला ,
दिखाता है अपने करतब अब ,
फिर से रिझाता है सबको मेरा लाडला 

23 comments:

  1. बहुत सार्थक प्रस्तुति, आभार.

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  2. भावपूर्ण कविता, हाँ... माँ मन बहुत डर जाता है बच्चे की तकलीफ देखकर ...... मुदित को स्नेहाशीष

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  3. गीता जी,...
    बच्चे की तकलीफ देखकर हर माँ दुखी हो जाती है,/..
    भाव पूर्ण सुंदर पोस्ट,..
    मेरी पोस्ट-'माँ की यादें' और 'वजूद'पर स्वागत है

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  4. बेहतरीन प्रस्तुति।

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  5. sandeep nd dheerendra ji thanks aapke comments ke liye

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  6. बहुत बढ़िया कविता लिखी है...... गीता जी..... अच्छी है...... उम्मीद है अब मुदित स्वस्थ है.....

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  7. thanks manoj, ha ab Mudit teek hai

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  8. भगवान के आशीष से वह जीवन की सारी खुशियां पाए!

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  9. अपने जिगर के टुकड़े की तकलीफ बर्दाश्त करना...
    सचमुच बहुत दुष्कर काम है....
    मुदित को शुभाशीष... और आपको सार्थक लेखन के लिये सादर शुभकामनाएं....

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  10. ठीक है कि अब सब ठीक है।
    और मौसम भी सर्दी का आने लगा है, जरा बचके रहना।

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  11. गीता जी,...
    मेरे पोस्ट 'शब्द'में आपका इंतजार है,...

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  12. मां,बच्चा और भगवान समानार्थी शब्द ही हैं।

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  13. बच्चे जब बीमार होते हैं तो माँ-बाप स्वाभाविक है परेसान होंगे ही...वैसे चलिए अच्छी खबर सुनने को मिली...की अब मुदित की तबियत ठीक है...:)

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  14. बहुत अच्छी रचना ...
    मेरे पोस्ट में आने के लिए आभार
    आपका समर्थक बन गया हूँ,....

    ...फुहार....: कितने हसीन है आप.....

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  15. सुन्दर प्रस्तुति

    ( अरुन शर्मा = arunsblog.in )

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  16. जियो हजारों साल
    साल के दिन हों पचास हजार

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  17. सुन्दर रचना। बधाई

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  18. सुन्दर रचना। बधाई

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