Popular Posts
-
लास्ट वीक मुदित को बोहत तेज बुखार हो गया था,उसी को सोच के ये विचार अपने आप मन में आये और कविता बन गई , आप सभी से शेयर कर रही हु, वैसे अब उस...
-
मेरी सोच में आज मै आपके सामने इश्वर की भक्ति के बारे में अपने विचार रख रही हु और आप सभी से चाहती हु के आप भी अपने विचार बताये. बचपन से ही ह...
-
मै अपने आप में अपने को कितना पूर्ण महसूस कर रही हु मै बता नहीं सकती आप को, इश्वर करे हर नारी को माँ बनने का सोभाग्य प्राप्त हो , मै हमेशा से...
-
जब मै छोटी थी , नहीं नहीं बल्कि शादी होने से पहले तक, अगर मेरी माँ से किसी बात पे झगडा हो जाया करता तो बाद में मन ही मन में बोलती थी, हम्म...
-
हम बड़े क्यूँ हो जाते है (बचपन कितना अच्छा था ) बस दो पग जिंदगी चाहती हू मै निस्वार्थ , निश...
-
मन चंचल उढ रहा था पंख लगाकर तभी उसकी नज़र पड़ी एक कोमल फूल पर , दोनों की आखें हुई चार , दोनों ने रख्खे अपने अपने विचार , कसमे खाई , वादे क...
-
महक फूलो की कभी भी कम ना होगी खुशबू आती रहेगी तेरे जाने के बाद भी और आखो से आंसुओ की बारिश भी कम ना होगी उनकी वफ...
-
कल यानि १९ अक्टूबर को मेरा व्रत था, मेरा विवाह हरयाणा में हुआ है , यहाँ करवाचौथ के चार दिन बाद एक व्रत आता है , जिसे होई का व्रत कहते है , य...
-
बात कब की है कुछ टीक टीक याद नहीं , बचपन से वो ये ही सोचती वह सुनती आई थी के एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं बन सकते है , अगर उन के बीच दोस...
-
वो जताते है प्यार , दुनिया को भूल कर , रस्मो को भूल कर, प्यार ही प्यार हवा में है , वादों को भूल कर , रिवाजो को भूल कर जो भी ...
आवाज़ दो... पर पहले एक कदम बढ़ाओ
ReplyDeleteji ha bilkul , aapki baat se puri tarah se sehmat hu
ReplyDeleteSochna Padega........
ReplyDelete