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लास्ट वीक मुदित को बोहत तेज बुखार हो गया था,उसी को सोच के ये विचार अपने आप मन में आये और कविता बन गई , आप सभी से शेयर कर रही हु, वैसे अब उस...
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मेरी सोच में आज मै आपके सामने इश्वर की भक्ति के बारे में अपने विचार रख रही हु और आप सभी से चाहती हु के आप भी अपने विचार बताये. बचपन से ही ह...
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मै अपने आप में अपने को कितना पूर्ण महसूस कर रही हु मै बता नहीं सकती आप को, इश्वर करे हर नारी को माँ बनने का सोभाग्य प्राप्त हो , मै हमेशा से...
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जब मै छोटी थी , नहीं नहीं बल्कि शादी होने से पहले तक, अगर मेरी माँ से किसी बात पे झगडा हो जाया करता तो बाद में मन ही मन में बोलती थी, हम्म...
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हम बड़े क्यूँ हो जाते है (बचपन कितना अच्छा था ) बस दो पग जिंदगी चाहती हू मै निस्वार्थ , निश...
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मन चंचल उढ रहा था पंख लगाकर तभी उसकी नज़र पड़ी एक कोमल फूल पर , दोनों की आखें हुई चार , दोनों ने रख्खे अपने अपने विचार , कसमे खाई , वादे क...
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महक फूलो की कभी भी कम ना होगी खुशबू आती रहेगी तेरे जाने के बाद भी और आखो से आंसुओ की बारिश भी कम ना होगी उनकी वफ...
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कल यानि १९ अक्टूबर को मेरा व्रत था, मेरा विवाह हरयाणा में हुआ है , यहाँ करवाचौथ के चार दिन बाद एक व्रत आता है , जिसे होई का व्रत कहते है , य...
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बात कब की है कुछ टीक टीक याद नहीं , बचपन से वो ये ही सोचती वह सुनती आई थी के एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं बन सकते है , अगर उन के बीच दोस...
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वो जताते है प्यार , दुनिया को भूल कर , रस्मो को भूल कर, प्यार ही प्यार हवा में है , वादों को भूल कर , रिवाजो को भूल कर जो भी ...
Monday, 31 October 2011
Wednesday, 19 October 2011
परम्पराए
कल यानि १९ अक्टूबर को मेरा व्रत था, मेरा विवाह हरयाणा में हुआ है , यहाँ करवाचौथ के चार दिन बाद एक व्रत आता है , जिसे होई का व्रत कहते है , ये मेरा बेबी के पैदा होने के बाद पहला व्रत था तो मई बोहत जादा एक्ससितेद थी , मई ऑफिस भी नहीं गई थी सोचा अपने मुदित के साथ सारा दिन स्पेंड करुँगी
ऐसे ही बातो बातो में मम्मी जी से इस व्रत के बारे में मैंने पूछा तो मुझे ये पता चला के ये व्रत सिर्फ लडको के लिए रखा जाता है , सुन कर बोहत बुरा लगा , ये तो सरासर नाइंसाफी हुई ना , हउम होई माता से ये प्रार्थना करते है की हमारी कोख मतलब बचे हमेशा टीक रहे उनकी उम्र बढे , फिर ये व्रत सिर्फ लडको के लिए ही क्यूँ तो मम्मी ने कहा की लडको से वंश चलता है इसलिए ....
मम्मी से मैंने इस बारे में बोहत बहस की , पर परिणाम कुछ नहीं निकला , लास्ट में मम्मी ने कहा की जैसे रीत चली आ रही है वैसे ही तो हम करेंगे
पर मैंने तो फैसला कर लिया है , आगे जा के जब भी घर की जिम्मेवारी मेरे पे आ जाएगी (और भगवन ने हम पे खुश हो के हमे एक बिटिया दी तो ) मै ये होई माता का व्रत अपनी बिटिया के लिए भी जरुर रखूंगी.
Tuesday, 18 October 2011
love and lost
खुशबू आती रहेगी तेरे जाने के बाद भी
और आखो से आंसुओ की बारिश भी कम ना होगी
उनकी वफ़ा को समझा था हमने किस्मत अपनी
और अब उनकी बेवफाई से हमको उल्फत भी ना होगी
भीड़ में थामा था तुमने हाथ जब मेरा
उस वक़्त की शायद आज तुमको कीमत ना होगी
तुम खुश रहना , मै ना आऊंगा लौट के तुम्हारी जिंदगी में दोबारा
लगा लूँगा मौत को गले, और देखो, किसी को शिकायत भी ना होगी !
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