आज science ने इतन्नी तरक्की कर ली है , फिर भी आज हमारी सोच में कोई खास बदलाव नहीं आया है, बात सिर्फ villages में रहने वाले लोगो की नहीं शेहरो में भी अन्धविश्वासो ने अपनी पकड़ मजबूत की हुई है .
सायद इसका अक कारन अपनी दादी नानी से सुने हुए वो किस्से है जो बचपन में हम सभी ने सुने है, हमारा दिल अभी तक उन बात्तो को सच माने बैठा है.
जैसे बिल्ली क रास्ता काटने का मतलब है कोई परेशानी आना , शुभ काम से पहले अगर कोई छीख दे तो अपसगुन होना , ऐसे ही कई अन्धविश्वास है ....
आप लोग इस से कहा तक सहमत है ?
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