लास्ट वीक मुदित को बोहत तेज बुखार हो गया था,उसी को सोच के ये विचार अपने आप मन में आये और कविता बन गई , आप सभी से शेयर कर रही हु, वैसे अब उसकी तबियत ठीक है
तेरी तकलीफ देखकर ,
बह आये आखो से आंसू मेरे ,
तेरी तकलीफ देखकर
सीने से लगा के तुम को ,
इश्वर का ही नाम लिया,
और देखकर , इक माँ की तकलीफ ,
इश्वर ने अपना काम किया .
पूछती थी इश्वर से ,
क्यूँ परेशान किया है मेरे मुदित को ,
अभी तो है इतना छोटा ,
के बयान भी ना कर पता है अपनी तकलीफ अपनी माँ को .
शुक्र है इश्वर का की ,
अब बिलकुल ठीक है मेरा लाडला ,
दिखाता है अपने करतब अब ,
फिर से रिझाता है सबको मेरा लाडला