कल यानि १९ अक्टूबर को मेरा व्रत था, मेरा विवाह हरयाणा में हुआ है , यहाँ करवाचौथ के चार दिन बाद एक व्रत आता है , जिसे होई का व्रत कहते है , ये मेरा बेबी के पैदा होने के बाद पहला व्रत था तो मई बोहत जादा एक्ससितेद थी , मई ऑफिस भी नहीं गई थी सोचा अपने मुदित के साथ सारा दिन स्पेंड करुँगी
ऐसे ही बातो बातो में मम्मी जी से इस व्रत के बारे में मैंने पूछा तो मुझे ये पता चला के ये व्रत सिर्फ लडको के लिए रखा जाता है , सुन कर बोहत बुरा लगा , ये तो सरासर नाइंसाफी हुई ना , हउम होई माता से ये प्रार्थना करते है की हमारी कोख मतलब बचे हमेशा टीक रहे उनकी उम्र बढे , फिर ये व्रत सिर्फ लडको के लिए ही क्यूँ तो मम्मी ने कहा की लडको से वंश चलता है इसलिए ....
मम्मी से मैंने इस बारे में बोहत बहस की , पर परिणाम कुछ नहीं निकला , लास्ट में मम्मी ने कहा की जैसे रीत चली आ रही है वैसे ही तो हम करेंगे
पर मैंने तो फैसला कर लिया है , आगे जा के जब भी घर की जिम्मेवारी मेरे पे आ जाएगी (और भगवन ने हम पे खुश हो के हमे एक बिटिया दी तो ) मै ये होई माता का व्रत अपनी बिटिया के लिए भी जरुर रखूंगी.
main to jitiya bete beti dono ke liye pahanti hun ....
ReplyDeletebahut achha.........aisa hi hona chahiye......mai tumse poori tarah se sahmat hu....
ReplyDeletemanoj
That is a lovely article. And I love the work too, courtesy the picture. I am dialing for you guys to get my house done next!
ReplyDeleteIn a Hindi saying, If people call you stupid, they will say, does not open your mouth and prove it. But several people who make extraordinary efforts to prove that he is stupid.Take a look here How True
हमें लड़की और लड़के का भेद मिटाना ही होगा |
ReplyDeleteआपको धनतेरस और दीपावली की हार्दिक दिल से शुभकामनाएं |
such cute kids! lol great post
ReplyDeleteFRASSY
FRASSY
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आपकी प्रस्तुति पढकर अच्छा लगा.
ReplyDeleteबहुत उम्दा सोच लगी आपकी.
दीपावली,गोवर्धन व भैय्या दूज की हार्दिक शुभकामनाएँ.
बिना बहिन के भैय्या दूज कैसी.
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है ,गीता जी.
सुन्दर और प्रभावी
ReplyDeleteबहुत अच्छा फैसला किया है आपने...बिलकुल रखियेगा बिटिया के लिए व्रत!
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